Monday 28 June 2021

धर्म (Dharm) Religion

 धर्म (Dharm) Religion

धर्म (Dharm) Religion


जो दृढ राखे धर्म को, 

       नेहि राखे करतार. 


जहाँ धर्म नहीं, वहां विद्या, लक्ष्मी. स्वास्थ्य आदि का भी अभाव होता है. 

धर्मरहित परिस्थिति में बिलकुल शुष्कता होती है,  शून्यता होती है. - महात्मा गाँधी जी 

पर हित सरिस धर्म नहिं भाई. 

पर-पीड़ा सम नहिं अधमाई. 

- संत तुलसीदास जी



मनुष्य की धार्मिक वृत्ति ही उसकी सुरक्षा करेगी और यह सत्य है- आचार्य तुलसी जी


धर्मो रक्षति रक्षतः - महाभारत 

अर्थात मनुष्य धर्म की रक्षा करे तो धर्म भी उसकी सुरक्षा करेगा यह सुनिश्चित है. 


धार्मिक व्यक्ति दुःख को सुख में बदल सकता है.  - आचार्य तुलसी जी


धार्मिक वृत्ति बनाये रखने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं होगा और 

धार्मिक वृत्ति को खोने वाला कभी सुखी होगा.  - आचार्य तुलसी जी


प्रलोभन और भय का मार्ग बच्चों के लिए उपयोगी और महत्वपूर्ण होगा. लेकिन सच्चे धार्मिक व्यक्ति के दृष्टिकोण में कभी लाभ हानि वाली संकीर्णता नहीं हो सकती. -  आचार्य तुलसी जी।

कब तक आएगी कोरोना की तीसरी लहर भारत में?

कब तक आएगी कोरोना की तीसरी लहर भारत में? 


आखिर कब आएगी कोरोना की तीसरी लहर और कब से बच्चों को वैक्सीन के टीके देना शुरू किया जाएगा सरकार की दी हुई जानकारी के मुताबिक।

Covid 19
देश और दुनिया अभी कोरोना की दूसरी लहर से जूझ ही रहे है. और उससे ठीक से उभर भी नहीं पाए कि तीसरी लहर का भी खतरा नजर आ रहा है। 


तीसरी लहर कब आ रही है और इसको लेकर सवाल अभी भी बना हुआ है। यही नहीं इस बारे में अलग अलग दावे दिए जा रहे हैं। देश और दुनिया कोरोना वायरस की दूसरी लहर से अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाये है कि तीसरी लहर का खतरा सामने आ रहा है। 


न्यू दिल्ली,आइसीएमआर ने एक अध्‍ययन किया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर को अभी देर लग सकती है ऐसी संभावना है ऐसे में सरकार को त्योहारों के लिए काफी समय मिल जाएगा। 


चाहे हमारा भारत देश हो या दुनिया हो सभी जानते हैं. कि अभी हम पूर्ण रूप से दूसरी लहर से उबर भी नहीं पाए कि बताया जा रहा है. कि तीसरी लहर कभी भी आ सकती है भले ही इसमें अभी समय है. पर कुछ कहा नहीं जा सकता इस सवाल को लेकर अभी भी वैज्ञानिकों व डॉक्टरों के मन में कई शंकाएं हैं. और कई लोग अलग-अलग दावे भी साबित कर रहे, हैं।


क्या कोविड-19 की तीसरी लहर भारत में आ रही है?


कोविड-19 यानी कोरोनावायरस टीम के कार्यकर्ता डॉक्टर एनके अरोड़ा, अपनी रिसर्च के मुताबिक बताया कोरोना की तीसरी कब आएगी भारत में। उन्होंने कहा मेरे अध्ययन के हिसाब से अभी काफी समय भी लग सकता है. और यह हमारे फायदे का सौदा है. इतने वक्त में हम हर एक व्यक्ति को पूर्ण रूप से टीकाकरण कर पाएंगे बस लोग भी अपना पूरा पूरा सहयोग दें. हो सकता है कोरोना की तीसरी लहर को आने में 6 से 7 या 8 महीने लग जाए। और इस बात को ध्यान रखते हुए सरकार को टीकाकरण कार्य की गति तेज करनी चाहिए। डॉक्टर एनके अरोड़ा ने यह भी कहा कि हमारा टारगेट दिन का एक करोड़ खुराक दिलवाने का होगा। 



बच्चों को वैक्सिंग देने का कार्य जुलाई या अगस्त से शुरू किया जाएगा। 


आपको बता दें कि जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल हर हद तक पूरा हो गया है. डॉक्टर एनके अरोड़ा की जारी किए हुए रिपोर्ट के हिसाब से जुलाई या अगस्त से 12 ओर 18 आयु के उम्र के बच्चों को कोविड-19 का टीकाकरण शुरू किया जाएगा। 




क्या वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना होगा या नहीं?


कई लोगों का मानना है कि वैक्सीन देने के बाद भी कोरोना वायरस लग सकता है. ऐसे में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि अगर उनके बच्चों को वैक्सीन के टीके लगते भी है. तो इसकी क्या गारंटी है कि वे जब बाहर जाएंगे तो उन्हें कोरोना नहीं होगा. 

ऐसे में डॉक्टर ने जवाब दिया है. की अगर आप पूर्ण रूप से और सही टाइम पर हर टीके को लगवा लेंगे तो आप पूर्ण रुप से करोना से छुटकारा पार लेंगे यह सुनिश्चित किया गया है.


क्या फेफड़ों में तेजी से चिपक जाता है डेल्टा प्लस


डॉक्टर एनके अरोड़ा ने बताया डेल्टा प्लस का जो वैरीअंट है वह फेफड़ों की कोशिकाओं में तेजी से पहले लग जाता है। जिसके कारण वह चिपकता भी है बेहाल हम यह स्पष्ट नहीं कर सकते है कि यह कितनी तेजी से आपके शरीर में फैल सकता है या आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है किस हद तक यह अभी कुछ सामने नहीं आया है अगर इसके ज्यादा मामले सामने आते हैं तो भी इसकी पुष्टि की जा सकती है फिलहाल वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले व्यक्तियों को काफी कम हद तक संक्रमण होगा और जो भी व्यक्ति को मिनट के संक्रमण से जूझ रहा है उसको संक्रमित होने से रुकेगी




क्या डेल्टा प्लस ही बनेगा तीसरी लहर का मुख्य कारण


डा. एनके अरोड़ा ने यह भी बताया कि अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट देश में तीसरी लहर का कारण बनेगा या नहीं। महामारी की लहरों का संबंध नए वैरिएंट या नए स्ट्रेन से होता है, इसलिए इससे भी लहर आने की आशंका रहेगी।ऐसे में जब देश में डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। तो बड़ा सवाल यह कि क्‍या यह वैरिएंट तीसरी लहर का मुख्य कारण बनेगा या नहीं।


कितनी खतरनाक हो सकती है कोरोनावायरस की तीसरी लहर


आइसीएमआर का यह भी बताना है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। वहीं डाक्टरों का बताना है कि सितंबर और अक्टूबर के बीच महामारी की तीसरी लहर के आने की संभावना है। पहले आइसीएमआर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. समीरन पांडा ने बताया था कि देश में चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान तीसरी लहर के असर को कम करने में महत्तवपूर्ण व मुख्य भूमिका निभा सकता है. इसलिए लोगों को समझदारी और सूज भुज से काम लेना चाहिए ।


क्या डेल्टा वैरिएंट मचा रहा है तबाही


यह साफ है कि देश और दुनिया में कोरोना की पहली लहर जब आई थी तो पिछले साल जनवरी से होकर सितंबर के मध्यम चरम पर आकर पहुंची थी. और फिर इस साल दूसरी लहर ने अपना तूफान उठा दिया. जोकि फरवरी के महीने से शुरू होकर अप्रैल-मई के चरम तक पहुंच चुकी है. हालांकि यह साफ है कि अभी भी इसके केस सामने आ रहे हैं।


बहुत दुख की बात है की लोगों को समझ आना चाहिए कि पहले लहर से ज्यादा दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हुई। इसके बावजूद लोग को यह सिर्फ एक मजाक लग रहा है। लोग अभी भी नहीं समझ रहे हैं. और बिना मास्क के बिना किसी सुविधा के ही बाहर निकले जा रहे हैं. आप लोगों को यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट की वजह से ही ज्यादा तबाही फैली है ऐसा विशेषज्ञों ने पुष्टि की है। और अब इसमें एक और नया म्यूटेशन हो गया है जोकि डेल्टा प्लस के रूप में सामने आ रहा है।



Sunday 27 June 2021

लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने से लग रहा है डर पीएम मोदी ने शंका दूर करते हुए कहा मैंने भी लिए हैं दोनों टीके


लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने से लग रहा है डर. पीएम मोदी ने शंका दूर करते हुए कहा मैंने भी लिए हैं दोनों टीके



COVID 19

लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने से लग रहा है डर प्रधानमंत्री मोदी ने की मन की शंका दूर.



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस और वैक्सीन पर चर्चा करते हुए अपने मन की बात कही. लोगों में वैक्सीन देने से डर होने की वजह से प्रधानमंत्री मोदी जी ने उन सभी से निवेदन किया यह सारी बातें 27 जून 2021 प्रधानमंत्री मन की बात के तहत है.


21 जून 2021 से शुरू किए कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान के पहले दिन भारत 86 लाख से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस पर भी पीएम मोदी ने देश की सराहनीय गति की सराहना की। आज यानी 27 जून को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन पर भी अपनी बात रखी। ज्यादातर लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर जो भी संकाय हैं उन्हें पीएम मोदी ने दूर करने के लिए कहा और भरोसा रखे अपने ऊपर और अपने ईश्वर पर.


न्यू दिल्ली- दिनांक 27 जून- पीएम मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कोरोनावायरस की वैक्सीन पर चर्चा करते हुए अपनी बातें रखी. लोगों में वैक्सीन को लेकर जो डर हैं. उसे लोगों द्वारा अपने मन से ही निकाला जा सकता है. इस बात को लोगों तक मोदी जी ने बखूबी पहुंचाने का प्रयास किया.


यह जंग जारी रहेगी कोरोनावायरस के खिलाफ - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.


मोदी जी ने कहा अभी कुछ दिन पहले हमारे देश ने एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की।   21 जून को 86 लाख से अधिक लोगों ने एक दिन में टीके की मुफ्त खुराक प्राप्त करने का रिकॉर्ड बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने संबधोन में कहा, कोरोना के खिलाफ हम देशवासी जो लड़ाई लड़ रहे हैं, वह जारी है और आगे भी जारी रहेगी, लेकिन इस लड़ाई में हमने कई असामान्य मील के पत्थर प्राप्त कर लिए हैं।


प्रधानमंत्री मोदी जी ने मध्य प्रदेश के गांव के लोगो से बातचीत कर दिया एक बड़ा संदेश.


साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के एक बैतूल नामक जिले के दुलारिया गांव के ग्रामीण व्यक्तियों से बात की, जिन व्यक्तियों से प्रधानमंत्री की बातचीत हुई. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने गांव में कोरोना वैक्सीन को लेकर हो रही रुकावट की सारी जानकारी दी थी. और इसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने उनके झिझक को और मन की शंकाओं को दूर करने के लिए वैक्सीन लेने की सलाह दी साथ ही कहा कि जो भी अफवाह फैलाई जा रही हैं. उन पर ध्यान ना देते हुए आप वैक्सीन के दोनों टीके ले.




प्रधानमंत्री ने कहा, हम सभी अपना काम करेंगे और यह बात एकदम साफ करेंगे कि हमारे आसपास के व्यक्तियों का टीकाकरण हो और हो जाए। पीएम मोदी ने ग्रामीण व्यक्तियों से कहा कि वैक्सीन की झिझक से जल्द से जल्द छुटकारा पाएं। भारत में ऐसे कई गांव हैं जहां 100 फीसदी टीकाकरण हुआ है अभी तक। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ चल रहा कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टेस्ट, डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी साथ ही कहा मैंने दोनों खुराक ली हैं। मेरी मां लगभग सौ साल की हैं, उन्होंने भी दोनों टीके भी लिए हैं। कृपया टीकों से संबंधित किसी भी नकारात्मक अफवाह पर भरोसा न करें। 


देश के वैज्ञानिकों पर रखे भरोसा.

मैं आप सभी से विज्ञान पर विश्वास करने का आग्रह करता हूं। हमारे वैज्ञानिकों पर विश्वास करें। बहुत सारे लोगों ने वैक्सीन ले ली है. मोदी जी ने कहा कि कोरोना का खतरा बना हुआ है और लोगों को टीकाकरण के साथ-साथ कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का पालन करने पर ध्यान देना होगा।...

England versus Sri Lanka third T20I:Highlights


England versus Sri Lanka third T20I LATEST UPDATES.


England versus Sri Lanka third T20I: Follow the features of England versus Sri Lanka third T20I in The Rose Bowl, Southampton. 


Crickets
Sri Lanka's Binura Fernando sits on the pitch in the wake of attempting to runout England's Dawid Malan during the third T20 worldwide cricket match among England and Sri Lanka.(AP) 


England versus Sri Lanka third T20I: England cricket crew clean-cleared the three-match T20I arrangement against Sri Lanka after the Eoin Morgan-drove group won the third T20I at The Rose Bowl in Southampton by 89 runs. Pursuing 181, Sri Lanka were packaged out for 91. 

Record



Groups: 



Sri  Lanka- Playing XI: Kusal Perera(c), Dushmantha Chameera,  Lakshan Sandakan, Binura Fernando, Isuru Udana, Wanindu Hasaranga, Dasun Shanaka,

Niroshan Dickwella(w), Kusal Mendis, Oshada Fernando, Danushka Gunathilaka,

England - Playing XI: Jonny Bairstow(w), Adil Rashid, Chris Jordan, David Willey, Chris Woakes, Sam Curran, Moeen Ali, Sam Billings, Eoin Morgan(c), Liam Livingstone, Dawid Malan,











Saturday 19 June 2021

क्यों हार गए मोदी जी? न्यूयॉर्क टाइम्स से जारी किए हुए आर्टिकल का पूरा सच क्या है जाने!



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जब सोमवार के दिन 3 कांग्रेसियों मंत्री और मुख्यमंत्री ने अपने सूबे के साथ शपथ ली, उसे देखते हुए कुछ सोशल मीडिया पर आर्टिकल्स लिखने वाले लेखकों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर यह शेयर किया.

उनका यह कहना कि अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स में पांच राज्य सहित वहां के विधानसभा चुनावों की बारे में बात करते हुए जो मुख्य कारण हैं उनकी एक लिस्ट तैयार की और इस खेल में आखिर भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी को हार का सामना क्यों करना पड़ा.

जो भी आर्टिकल शेयर हो रहे है उसे देख ने के बाद अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत का जो वोटर्स पैटर्न है उसको सही करने की कोशिश की और यह भी बताया की जो हालात हैं उन्हें देखते हुए मोदी सरकार को अपने नतीजों से सीखना चाहिए.


आपको बता दें कि इस आर्टिकल को तस्वीरों के साथ टेक्स्ट मैसेज के तौर पर और अंग्रेजी भाषा और कई तरीकों से इसको शेयर व फैलाया जा रहा है साथ ही साथ व्हाट्सएप के माध्यम से फेसबुक के माध्यम से और इंस्टाग्राम और कई अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे जारी रखा जा रहा है.


यही नहीं बल्कि कुछ लोगों ने तो अपने आर्टिकल्स को इस तरह लिखा है कि उन्होंने भारतीय वोटर्स को पूरे हद तक नीचा दिखाने की कोशिश की गई है. आर्टिकल में लिखा गया है कि भारतीय वोटर हमेशा शिकायतों के साथ रहते हैं साथ ही साथ उन्हें समस्याओं का निवारण तुरंत चाहिए होता है वह अपनी लंबी डिमांड लिस्ट के साथ वोट डालने के लिए तैयार होते हैं. 


 शेयर किए गए आर्टिकल में कितनी सच्चाई और क्या-क्या लिखा गया है?

भारत के लोगों के नजर में जो भी काम है वह सिर्फ सरकार का है और सरकार का ही होना चाहिए और उन्हें अपनी समस्याओं के हल लंबे समय के लिए नहीं चाहिए.

भारत वासियों को याददाश्त की बीमारी है वह हर बात भूल जाते हैं और उनका देखने का नजरिया भी बहुत गलत है.

भारतीय हर पुरानी बात को आसानी से भुला देते हैं और अपने पिछली नेताओं को उसकी हर गलती के लिए माफ कर देते हैं.

भारत में ज्यादातर सभी ढीठ होकर ऑडिट बने से वोट देते हैं वह जातिवाद को लेते हुए और जातिवाद को मुख्य आधार मानकर ही वोट डालते हैं जातिवाद भारत में काफी हद तक हर युग में फैलाई गई है जिसको आज भी हथियार बनाकर वहां की सरकार इस्तेमाल कर रही है.

यही नहीं पाकिस्तान और चीन में भी जातिवाद फैलाने की कोशिश की जा रही है क्योंकि दोनों देश ही अपनी जीडीपी को लेकर भारतीय बाजार पर निर्भर हैं.

भारत के लोगों को सब कुछ संस्था चाहिए चाहे डीजल हो या पेट्रोल हो सब कुछ फ्री में मिल जाए लेकिन सबके साथ सबका विकास वाली बात को सुनते ही सब पीछे हट जाते है.

भारतीयों को सिर्फ अपनी पॉकेट अपनी जेब भरने से ही मतलब होता है.

भारत में अगर जीतना है तो मोदी को अपना स्टेटमेंट सब छोड़ कर असली पॉलिटिशन की तरह सामने आना होगा.

साथ ही इस लेख में यह भी सजा दिया गया कि मोदी जी ने बतौर पीएम हर हद तक काम किया है लेकिन लोगों को उनके काम पसंद नहीं और ना ही वह उनके काम की प्रशंसा करेंगे.


लेख का पूरा सच जानने के लिए बड़े नीचे दिए हुए सारे तथ्य.


यहां वहां जहां से पता किया और सच सामने आ ही गया यह जो लिख बताकर शेयर किया जा रहा है यह सरासर फर्जी पोस्ट है

फेसबुक के सर्च पोर्टल पर पता चला 11 दिसंबर को न्यूयॉर्क टाइम्स की तरफ से यह आर्टिकल बताकर शेयर किया जा रहा है


लेकिन जब आप नरेंद्र मोदी या विधानसभा चुनाव 2018 जैसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल अपने सर्च पोर्टल पर करेंगे तो यह साफ-साफ जारी हो जाएगा. कि यह न्यू यॉर्क टाइम्स की तरफ से ऐसा कोई भी आर्टिकल जारी नहीं किया गया जिसमें विधानसभा चुनावों को लेकर आलोचना या विवेचना की गई हो बात भारत की हो या भाजपा की हो चाहे हार की हो या जीत की हो इस तरह की अश्लील बातें भारत को लेकर कोई भी न्यू यॉर्क टाइम्स में इस तरह का लिंक नहीं जारी करेगा.

बात अगर भाषा की करें तो आप बारीकी पर उतरे और ध्यान से इस लेख को टि्वटर हैंडल पर जाकर पड़े आप समझ जाएंगे कि अंग्रेजी के शब्द जो कास्ट किए गए हैं और साथ ही प्रमोट किए गए हैं जैसे सरल शब्द भी वहां गलत लिखे हुए हैं.


Monday 12 March 2018

Broken Heat


"I want to be remembered as the girl who smiles even though her heart is broken. And one who can always brighten up your day even if she couldn’t brightened her own..

“One day, many years from now when you realize what you’ve lost _ you will search for me. Perhaps you’ll Messages me but there will be no Aswers, or maybe you’ll call my number but it will have Switch off or something else. Or when you give up trying to Convince me physically, you’ll search for me emotionally. You’ll try to find someone else who will love you care for you as I did or make you laugh as much as I used to but you’ll soon realize there’s nobody no one  else quite just like me, I was simple but unique, I was the one for you as I am still– and you lost me because of your since . And you will try so desperately to find traces of me in every soul you meet for the rest of your days but you will never ever find me. Because I love you But not anymore want to be with you."

Saturday 10 March 2018

Sad story This made me cry alot

 One summer day... in a building near a church. Teenagers gathered to pray and listen to some lectures. At the back of the room there was a boy and girl sitting. They both went down to see eachother... they pretended they are here to pray. When they were done praying and the lectures started both got out their phones and opened e-buddy. They didn't chat with eachother... just with other people. They kept looking at eachother and wondered if the other noticed. They loved eachother so much but they never told eachother that. He loved her more than she did. Suddenly there was an explosion in the church and the building started falling. All of the people got out except these two who were away from the door in the end of the room. The girl was screaming and was so scared. The boy saw a piece of the wall was going to fall on her so he ran and pushed her. She was infront of the door after he pushed her but... she found herself going back to him. She held his hand and tried to pull him from under the piece of wall but she failed. The guy said,"Leave me... run!" She had tears in her eyes and said,"No...I won't" The guy shouted at her,"Just run... save yourself!" She started crying and said,"No!... I won't let you go" The guy said,"Why??...just run" The girl said,"Because... I" The guy said,"I love you" The girl cried and said,"I waited for those 3 words since I knew you" The boy smiled to her and said,"Now I'm ready to die... I held your hand... I know you love me... Just let me go and save yourself please" The girl with tears on her face,"No... I know you love me I will never let you go" The boy pushed her away and shouted,"Run!" She ran down the stairs with tears on her face and she fell down and broke her arm. She ran home crying. Her parents thought that she is crying because she is in pain but really... She was regreting every moment she knew the boy and didn't tell him how she felt. ------------------------- If you know someone you love let him/her know before it's too late. He mustn't die in a burning building but he might love someone else

धर्म (Dharm) Religion

  धर्म (Dharm) Religion जो दृढ राखे धर्म को,         नेहि राखे करतार.  जहाँ धर्म नहीं, वहां विद्या, लक्ष्मी. स्वास्थ्य आदि का भी अभाव होता ह...