कब तक आएगी कोरोना की तीसरी लहर भारत में?
आखिर कब आएगी कोरोना की तीसरी लहर और कब से बच्चों को वैक्सीन के टीके देना शुरू किया जाएगा सरकार की दी हुई जानकारी के मुताबिक।
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देश और दुनिया अभी कोरोना की दूसरी लहर से जूझ ही रहे है. और उससे ठीक से उभर भी नहीं पाए कि तीसरी लहर का भी खतरा नजर आ रहा है। |
तीसरी लहर कब आ रही है और इसको लेकर सवाल अभी भी बना हुआ है। यही नहीं इस बारे में अलग अलग दावे दिए जा रहे हैं। देश और दुनिया कोरोना वायरस की दूसरी लहर से अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाये है कि तीसरी लहर का खतरा सामने आ रहा है।
न्यू दिल्ली,आइसीएमआर ने एक अध्ययन किया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर को अभी देर लग सकती है ऐसी संभावना है ऐसे में सरकार को त्योहारों के लिए काफी समय मिल जाएगा।
चाहे हमारा भारत देश हो या दुनिया हो सभी जानते हैं. कि अभी हम पूर्ण रूप से दूसरी लहर से उबर भी नहीं पाए कि बताया जा रहा है. कि तीसरी लहर कभी भी आ सकती है भले ही इसमें अभी समय है. पर कुछ कहा नहीं जा सकता इस सवाल को लेकर अभी भी वैज्ञानिकों व डॉक्टरों के मन में कई शंकाएं हैं. और कई लोग अलग-अलग दावे भी साबित कर रहे, हैं।
क्या कोविड-19 की तीसरी लहर भारत में आ रही है?
कोविड-19 यानी कोरोनावायरस टीम के कार्यकर्ता डॉक्टर एनके अरोड़ा, अपनी रिसर्च के मुताबिक बताया कोरोना की तीसरी कब आएगी भारत में। उन्होंने कहा मेरे अध्ययन के हिसाब से अभी काफी समय भी लग सकता है. और यह हमारे फायदे का सौदा है. इतने वक्त में हम हर एक व्यक्ति को पूर्ण रूप से टीकाकरण कर पाएंगे बस लोग भी अपना पूरा पूरा सहयोग दें. हो सकता है कोरोना की तीसरी लहर को आने में 6 से 7 या 8 महीने लग जाए। और इस बात को ध्यान रखते हुए सरकार को टीकाकरण कार्य की गति तेज करनी चाहिए। डॉक्टर एनके अरोड़ा ने यह भी कहा कि हमारा टारगेट दिन का एक करोड़ खुराक दिलवाने का होगा।
बच्चों को वैक्सिंग देने का कार्य जुलाई या अगस्त से शुरू किया जाएगा।
आपको बता दें कि जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल हर हद तक पूरा हो गया है. डॉक्टर एनके अरोड़ा की जारी किए हुए रिपोर्ट के हिसाब से जुलाई या अगस्त से 12 ओर 18 आयु के उम्र के बच्चों को कोविड-19 का टीकाकरण शुरू किया जाएगा।
क्या वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना होगा या नहीं?
कई लोगों का मानना है कि वैक्सीन देने के बाद भी कोरोना वायरस लग सकता है. ऐसे में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि अगर उनके बच्चों को वैक्सीन के टीके लगते भी है. तो इसकी क्या गारंटी है कि वे जब बाहर जाएंगे तो उन्हें कोरोना नहीं होगा.
ऐसे में डॉक्टर ने जवाब दिया है. की अगर आप पूर्ण रूप से और सही टाइम पर हर टीके को लगवा लेंगे तो आप पूर्ण रुप से करोना से छुटकारा पार लेंगे यह सुनिश्चित किया गया है.
क्या फेफड़ों में तेजी से चिपक जाता है डेल्टा प्लस
डॉक्टर एनके अरोड़ा ने बताया डेल्टा प्लस का जो वैरीअंट है वह फेफड़ों की कोशिकाओं में तेजी से पहले लग जाता है। जिसके कारण वह चिपकता भी है बेहाल हम यह स्पष्ट नहीं कर सकते है कि यह कितनी तेजी से आपके शरीर में फैल सकता है या आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है किस हद तक यह अभी कुछ सामने नहीं आया है अगर इसके ज्यादा मामले सामने आते हैं तो भी इसकी पुष्टि की जा सकती है फिलहाल वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले व्यक्तियों को काफी कम हद तक संक्रमण होगा और जो भी व्यक्ति को मिनट के संक्रमण से जूझ रहा है उसको संक्रमित होने से रुकेगी
क्या डेल्टा प्लस ही बनेगा तीसरी लहर का मुख्य कारण
डा. एनके अरोड़ा ने यह भी बताया कि अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट देश में तीसरी लहर का कारण बनेगा या नहीं। महामारी की लहरों का संबंध नए वैरिएंट या नए स्ट्रेन से होता है, इसलिए इससे भी लहर आने की आशंका रहेगी।ऐसे में जब देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं। तो बड़ा सवाल यह कि क्या यह वैरिएंट तीसरी लहर का मुख्य कारण बनेगा या नहीं।
कितनी खतरनाक हो सकती है कोरोनावायरस की तीसरी लहर
आइसीएमआर का यह भी बताना है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। वहीं डाक्टरों का बताना है कि सितंबर और अक्टूबर के बीच महामारी की तीसरी लहर के आने की संभावना है। पहले आइसीएमआर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. समीरन पांडा ने बताया था कि देश में चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान तीसरी लहर के असर को कम करने में महत्तवपूर्ण व मुख्य भूमिका निभा सकता है. इसलिए लोगों को समझदारी और सूज भुज से काम लेना चाहिए ।
क्या डेल्टा वैरिएंट मचा रहा है तबाही
यह साफ है कि देश और दुनिया में कोरोना की पहली लहर जब आई थी तो पिछले साल जनवरी से होकर सितंबर के मध्यम चरम पर आकर पहुंची थी. और फिर इस साल दूसरी लहर ने अपना तूफान उठा दिया. जोकि फरवरी के महीने से शुरू होकर अप्रैल-मई के चरम तक पहुंच चुकी है. हालांकि यह साफ है कि अभी भी इसके केस सामने आ रहे हैं।
बहुत दुख की बात है की लोगों को समझ आना चाहिए कि पहले लहर से ज्यादा दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हुई। इसके बावजूद लोग को यह सिर्फ एक मजाक लग रहा है। लोग अभी भी नहीं समझ रहे हैं. और बिना मास्क के बिना किसी सुविधा के ही बाहर निकले जा रहे हैं. आप लोगों को यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट की वजह से ही ज्यादा तबाही फैली है ऐसा विशेषज्ञों ने पुष्टि की है। और अब इसमें एक और नया म्यूटेशन हो गया है जोकि डेल्टा प्लस के रूप में सामने आ रहा है।